कठफोड़वा: जंगल का डॉक्टर
पेड़ों पर चोंच मारने वाला खट खट की आवाज करने वाला पंछी, जी हां, वही कठफोड़वा! जंगल में रहने वाला यह पक्षी ना सिर्फ पेड़ों में बिल बनाकर रहता है बल्कि पेड़ों के लिए बहुत फायदेमंद भी होता है. आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कठफोड़वे के बारे में रोचक तथ्य (facts).
कठफोड़वे की पहचान (Kathaphorwa ki Pehchan)
कठफोड़वा एक रंगीन पक्षी होता है. इसकी चोंच मजबूत और نوک دار (nok daar) होती है जो लकड़ी को खोदने में मदद करती है. इसकी पूंछ लंबी और सीधी होती है जो पेड़ों पर चढ़ने में संतुलन बनाती है. कठफोड़वे की जीभ लंबी और चिपचिपी होती है जिससे वो पेड़ों के अंदर छिपे कीड़े पकड़ लेता है.

जंगल का डॉक्टर (Jungle ka Doctor)
कठफोड़वा पेड़ों में छेद करके कीड़े निकालता है. ये कीड़े पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए कठफोड़वा पेड़ों को कीड़ों से बचाता है. साथ ही जब पेड़ में कोई बीमारी होती है तो कठफोड़वा उस बीमारी फैलाने वाले कीड़ों को भी खा जाता है. इस तरह कठफोड़वा पेड़ों का डॉक्टर बनकर उनकी रक्षा करता है.
दिलचस्प बातें (Dilचस्प Baatein)
- कठफोड़वा एक सेकंड में 20 बार तक अपनी चोंच से पेड़ों को मार सकता है.
- कठफोड़वे की खोपड़ी इतनी मजबूत होती है कि पेड़ों को तेज़ गति से चोंच मारने पर भी उसे चोट नहीं पहुंचती.
- दुनिया भर में कठफोड़वों की 200 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. भारत में भी कई तरह के कठफोड़वे पाए जाते हैं.

पर्यावरण के लिए महत्व (Paryavaran ke liye Mahatv)
कठफोड़वा जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह पेड़ों को स्वस्थ रखता है और पेड़ पौधों को फलने फूलने में मदद करता है. इसलिए कठफोड़वों का संरक्षण भी उतना ही जरूरी है जितना पेड़ों का.
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